प्रयागराज, 25 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र लोक सेवा आयोग प्रयागराज की न्यायिक सेवा भर्ती परीक्षा 2022 के घोषित परिणाम की वैधता की चुनौती याचिका पर अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है और राज्य सरकार व आयोग से छह हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह तथा न्यायमूर्ति दोनादी रमेश की खंडपीठ ने सुचेता राय की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने उत्तर पुस्तिका की जांच को लेकर पहले से लम्बित मीनाक्षी की याचिका के साथ इस याचिका को भी सम्बद्ध कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि याची ने कोर्ट आने में देरी की और आयोग उत्तर पुस्तिका के निरीक्षण की कार्यवाही कर रही है। इसलिए अंतरिम स्थगन जारी करने का औचित्य नहीं है और अर्जी निरस्त कर दी।
मालूम हो कि, याची का कहना है कि उसे एक अंक मिल जाए तो वह भी चयनित हो जायेगी। उसे एक या अधिक अंक कम दिया गया है। कोर्ट ने कहा 23 अगस्त 2023 को परिणाम घोषित हुआ और याची 11 महीने बाद कोर्ट आई है। 04 जुलाई 2024 को जारी उत्तर कुंजी को लेकर एक याचिका लम्बित है। जिस पर आयोग निरीक्षण का काम कर रहा है। 14 जून 2024 को आयोग ने इस आशय की अधिसूचना भी जारी कर दी है और निरीक्षण कार्य शुरू कर दिया है। 30 अगस्त 2024 तक पूरा किया जाना है। इसलिए अभी हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। याचिका की अगली सुनवाई 16 सितम्बर को होगी।
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