Author: The Legal Lab | Date: 2024-07-25 12:13:19

प्रयागराज, 24 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा के नाई की मंडी थाना इंचार्ज व विवेचना अधिकारी संतोष कुमार के खिलाफ बिना अपराध के चार्जशीट दाखिल करने पर विभागीय जांच करने का आदेश दिया है। कहा है कि इन्हें प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी को दोनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने याची को अनावश्यक परेशान करने के एवज में दोनों पुलिस अधिकारियों को 10-10 हजार रूपये याची को देने का भी निर्देश दिया है। साथ ही शिकायतकर्ता को भी आदेश दिया है कि वह भी याची को भुगतान करें। कोर्ट ने शिकायतकर्ता को आदेश दिया है कि यदि खरीदे गये टेम्पो का चार हफ्ते में अपने नाम पंजीकरण नहीं कराता तो शिकायतकर्ता मूल पेपर सहित वाहन उसके मालिक को वापस कर दें।

कोर्ट ने पुलिस रिपोर्ट पर याची के खिलाफ जारी सम्मन व केस कार्यवाही रद कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने भूरी सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

मालूम हो कि याची सीएनजी टेम्पो का मालिक है। उसने टेम्पो सब्बीर खान को बेच दिया। उसने वाहन अपने नाम नहीं कराया। वाहन चोरी के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट दाखिल की जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। 14 अगस्त 17 को सब्बीर खान ने टेम्पो शिकायतकर्ता आरिफ हुसैन को बेच दिया और मूल पेपर सौंप दिए। आरिफ हुसैन ने याची मूल मालिक के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट दाखिल की और ट्रायल कोर्ट ने मैकेनिकल तरीके से सम्मन भी जारी कर दिया। जिसे याचिका में चुनौती दी गई थी।

कोर्ट ने कहा याची व शिकायतकर्ता के बीच कोई सम्बंध नहीं। याची ने कोई अपराध नहीं किया है। फिर भी पुलिस ने उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। पिछली अंतिम रिपोर्ट स्वीकार करने के तथ्य की पूरी तरह से अनदेखी की गई और याची को परेशान होना पड़ा। कोर्ट ने कहा यह ऐसा मामला है जिसमें विवेचना अधिकारी को प्रशिक्षित किए जाने की जरूरत है। खरीदार को वाहन का अपने नाम पंजीकृत कराना चाहिए था। याची ने शिकायतकर्ता के विरुद्ध कोई अपराध नहीं किया है।

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