प्रयागराज, 16 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्र एवं उप्र बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव गौर से कहा है कि वह आपस में बैठकर वकीलों की हड़ताल न हो, इसके लिए नीति बनाएं और अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश करें।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने जिला बार एसोसिएशन प्रयागराज के खिलाफ कायम आपराधिक अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिया। जिला बार एसोसिएशन द्वारा आये दिन हड़ताल करने से न्यायिक कार्य बुरी तरह प्रभावित होने की जिला जज की रिपोर्ट पर हाई कोर्ट में आपराधिक अवमानना याचिका कायम की गई है।
कोर्ट ने प्रदेश के सभी जिला जजों से रिपोर्ट मांग कर बार काउंसिल को हड़ताल रोकने के कदम उठाने का आदेश दिया था। बार एसोसिएशन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता आर के ओझा ने इसका निदान बार काउंसिल द्वारा किए जाने की दलील दी थी। जिस पर कोर्ट ने देश व प्रदेश की बार काउंसिल अध्यक्ष को हड़ताल रोकने के उपाय पर रिपोर्ट मांगी थी। हाई कोर्ट की तरफ से अधिवक्ता सुधीर मेहरोत्रा ने पक्ष रखा। महानिबंधक की तरफ से सभी जिला जजों की रिपोर्ट अदालत में पेश की गई थी। इसकी प्रतियां बार काउंसिल को उपलब्ध कराकर कार्रवाई की जानकारी मांगी गई थी। अब कोर्ट ने उठाये जाने वाले क़दमों की जानकारी का हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।
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