Author: The Legal Lab | Date: 2024-07-11 17:53:55

प्रयागराज, 11 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने शुक्रवार को तीसरे दिन भी न्यायिक कार्य बहिष्कार करने का आज निर्णय लिया है। यही नहीं, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने अपने अधिवक्ता सदस्यों को लेकर भी सख्ती दिखाई है । कहा है कि कोई भी बार एसोसिएशन का सदस्य अधिवक्ता यदि किसी केस में फिजिकल या वीडियो कांफ्रेंसिंग के मार्फत केस बहस करते हुए पकड़ा गया तो उसके खिलाफ बार एसोसिएशन कार्रवाई करेगा और उसकी सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने गुरुवार काे लिए गए अपने निर्णय में न्यायाधीशों को मी लॉर्ड अथवा योर लार्डशिप का प्रयोग न करने को कहा है।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने पत्र भेजकर सरकारी वकीलों को भी कोर्ट में न जाने को कहा है। कोर्ट में पाए जाने पर सरकारी वकीलों के साथ-साथ प्राइवेट वकीलों से भी हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। यहां तक कि यूपी गवर्नमेंट के चीफ स्टैंडिंग काउन्सिल कुनाल रवि सिंह समेत कई वकीलों को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने नोटिस जारी किया है। बार एसोसिएशन की इस सख्ती से वकील कोर्टों में हाजिर नहीं हो रहे हैं।
आज भी हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के निर्देश पर हाईकोर्ट परिसर में प्रवेश करने वाले सभी गेटों पर वकीलों की ड्यूटी लगाई गई थी ताकि कोई भी वकील चाहे सरकारी हो अथवा गैर सरकारी किसी भी केस में बहस करने के लिए कोर्ट में हाजिर न हो सके। बार एसोसिएशन की इस सख्ती के चलते किसी भी कोर्ट में न्यायिक कार्य नहीं हो सका। वादकारियों को इस कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रदेश के सुदूर इलाकों से न्याय पाने के लिए आए वादकारियों को आज भी वापस जाना पड़ा। वकीलों के कार्य बहिष्कार के निर्णय के बाद भी जज अपने अपने कोर्ट में बैठे, परन्तु वकीलों की अनुपस्थिति के चलते वे अपने चैम्बरों में वापस चले गए।
ज्ञात हो कि मुकदमों की सुनवाई को लेकर प्रक्रियागत परेशानी, कोर्ट में वकीलों से दुर्व्यवहार समेत कई परेशानियों का निराकरण नहीं होने से क्षुब्ध हाईकोर्ट के वकील आज न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। यह निर्णय मंगलवार को हुई हाईकोर्ट बार एसोसिएशन कार्यकारिणी की आकस्मिक बैठक में लिया गया था।
मालूम हो कि बुधवार को बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी की अध्यक्षता व महासचिव विक्रांत पांडेय के संचालन में हुई बैठक में कार्यकारिणी ने हाईकोर्ट में वकीलों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर विचार-विमर्श किया गया। इनमें अधिवक्ताओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार, मुकदमों को रिवाइज करने की पुरानी पद्धति को न मानने, हाईकोर्ट रूल्स में बिना संशोधन मनमाने ढंग से फाइलिंग व रिपोर्टिंग की प्रक्रिया में बदलाव करने, एडवोकेट रोल से सम्बंधित मांगे गए डाटा को देने से इनकार करने से क्षुब्ध होकर सर्वसम्मति से न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया गया था। शुक्रवार को वकीलों के कार्य बहिष्कार का तीसरा दिन रहेगा।

आपको समाचार कैसा लगा, जरूर कमेन्ट करें । यदि आप भी कानून से जुड़ी कोई विचार या लेख प्रकाशित कराना चाहते है, तो हमें 9341877004 पर अपने नाम और पता के साथ लिखकर भेजे। लेख पसंद आया तो आपके नाम के साथ प्रकाशित किया जाएगा। यदि आप कानून से संबंधित अपने क्षेत्र कोई न्यूज देना चाहते है, तो व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क करें। कृपया कॉल न करें।