Author: The Legal Lab | Date: 2024-07-11 09:18:10

जयपुर, 10 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने हत्या के प्रयास और धमकाने से जुडे मामले में एक माह में ही एफएसएल रिपोर्ट आने पर आश्चर्य जताया है। अदालत ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि इस केस में एफएसएल रिपोर्ट जल्दी कैसे आई और अन्य केसों में तो मंगाने पर भी नहीं आती। इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में स्पष्टीकरण देने के लिए एफएसएल निदेशक अजय शर्मा को 16 जुलाई को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिए हैं। जस्टिस जीआर मीना ने यह आदेश तेजेन्द्र व अन्य की जमानत याचिका पर सुनवाई टालते हुए दिया।

सुनवाई के दौरान आरोपियों के अधिवक्ता पंकज गुप्ता ने अदालत को बताया कि यह मामला फर्जी है। मामले में ना तो बंदूक रिकवर हुई है और ना ही गोली। वहीं मामले में एफएसएल रिपोर्ट आ गई है, इसलिए आरोपियों को जमानत का लाभ दिया जाए। इसके विरोध में अधिवक्ता पवन शर्मा ने कहा कि क्या सभी केस में एफएसएल रिपोर्ट इतनी जल्दी आती है। कई बार तो एफएसएल रिपोर्ट केस की ट्रायल खत्म होने के बाद आती है, लेकिन इस केस में बिना मंगाए ही आ गई है। इस पर अदालत ने एफएसएल रिपोर्ट इस मामले में जल्दी व अन्य प्रकरणों में देरी से पेश करने के संबंध में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है

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