Author: The Legal Lab | Date: 2024-07-05 17:04:12

नई दिल्ली, 5 जुलाई (हि.स.)। तीन नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद कई मामलों में पुलिस को मजबूती मिली तो कई में पुलिसकर्मियों को दिक्कत आ रही है। 
पुलिस के अनुसार नए कानून में साक्ष्य के लिए ‘ई प्रमाण एप’ का उपयोग करना होगा। इसी एप के जरिए पुलिसकर्मी घटनास्थल पर वीडियो अपलोड करेंगे। ऐसे में सोशल मीडिया से दूर पुराने पुलिसकर्मियों को इस एप का उपयोग करने में दिक्कत आ रही है। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने आईपीसी (1860), सीआरपीसी (1973) और साक्ष्य एक्ट (1872) की जगह ली है। 
पुलिस के मुताबिक भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में कुल 358 धाराएं हैं। पहले आईपीसी में 511 धाराएं थीं। बीएनएस में 20 नए अपराध भी शामिल किए गए हैं। 33 अपराधों में सजा की अवधि बढ़ाई गई है। 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान है जबकि 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है। इसी क्रम में छह अपराधों में सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया गया है। इस बीच करीब 19 धाराएं निरस्त या हटा दी गई हैं। 
इसी तरह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में कुल 531 धाराएं हैं। सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं। बीएनएसएस में कुल 177 प्रावधान बदले गए हैं। इसमें 9 नई धाराओं के साथ-साथ 39 नई उपधाराएं भी जोड़ी गई हैं। 44 नए प्रावधान और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं। 35 सेक्शन में समय-सीमा जोड़ी गई है और 35 सेक्शन पर ऑडियो-वीडियो प्रावधान जोड़ा गया है। इसमें करीब 14 धाराएं निरस्त और हटा दी गई हैं। 
इसी बीच भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कुल 170 धाराएं हैं। कुल 24 प्रावधान बदले गए हैं। दो नई धाराएं और छह उप-धाराएं जोड़ी गई हैं। 
नए कानून में झपटमारी से जुड़े मामले में बीएनएस की धारा 302 के तहत केस दर्ज होगा। पहले आईपीसी में धारा 302 में हत्या से जुड़े मामले का प्रावधान था। 
अपराध आईपीसी (पहले) बीएनएस (अब)
हत्या                     302            103
हत्या की कोशिश    307             109
गैर इरादतन हत्या    304             105
लापरवाही से मौत    304ए           106
रेप और गैंगरेप        376, 376डी  63, 64, 70
देश के खिलाफ युद्ध 121, 121A - 147, 148
छेड़छाड़                 354              74
दहेज हत्या              304बी           80
दहेज प्रताड़ना          498ए            85
चोरी                       379              303
लूट                        392              309
डकैती                    395              310
धोखाधड़ी या ठगी     420              318
नए कानून में कुछ धाराएं पुलिस के लिए बनीं हथियार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नए कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 112 व 111 पुलिस के लिए अब हथियार की तरह काम करेंगी। पहले इलाके में लगातार चोरी, लूट, अवैध शराब की तस्करी झपटमारी के मामले में आरोपित जेल से छूट जाते थे। अब इन धाराओं के आने के बाद बदमाशों पर अंकुश लगेगा। बीएनएस की धारा 112 संगठित अपराध के तहत दर्ज हो रही है। ऐसे में छोटे-मोटे गैंग पूरी तरह खत्म हो जायेंगे। इस धारा के लगने के बाद आरोपित का साथ देने वाले आरोपित के अलावा रिसीवर पर भी इसी धारा में केस दर्ज होगा।