Author: The Legal Lab | Date: 2024-07-26 19:45:36

दुमका, 26 जुलाई (हि.स.)। जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, द्वितीय सह निगरानी के विशेष न्यायाधीश प्रकाश झा की अदालत ने शुक्रवार को जिले के रानेश्वर प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी को दोषी करार देते हुए चार साल की सजा एवं जुर्माना किया है। मामला दस साल पहले का है। जांच प्रतिवेदन देने के एवज में बीडीओ द्वारा 30 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने से संबंधित मामले में न्यायालय ने दोषी करार दिया है।

मामले में जामताड़ा जिले के नाला प्रखंड के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचल अधिकारी शिवजी भगत को न्यायालय ने चार साल का सश्रम कारावास और एक लाख बीस हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी है। दोष सिद्ध आरोपित वर्तमान में दुमका जिले के रानीश्वर प्रखंड में प्रखंड विकास पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित था। न्यायालय ने बीते 22 जुलाई को दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था। अदालत में शुक्रवार को स्पेशल केस नंबर 10/2010 (निगरानी थाना कांड संख्या 10/2010) में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई।

इस मामले में सरकार की ओर से लोक अभियोजक चंपा कुमारी और बचाव पक्ष की ओर से बहस सुनने के बाद न्यायालय ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जेल में बंद दोषसिद्ध आरोपित जामताड़ा जिले के नाला प्रखंड के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचल अधिकारी शिवजी भगत (वर्तमान में दुमका जिले के रानेश्वर में प्रखंड विकास पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित) को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम (प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट) 1988 की धारा 7 के तहत चार साल के सश्रम कारावास और 60 हजार रुपये जुर्माना अदा किया है। इसी एक्ट की धारा 13 (2)के तहत चार साल सश्रम कारावास और 60 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी। दोनों धाराओं में जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर 9-9 माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। सभी सजाएं साथ चलेगी। इस तरह अभियुक्त को जुर्माने के रूप में 1.20 लाख रुपये का भुगतान करना होगा।

न्यायालय में मामले के विचारण के दौरान सरकार की ओर से अभियोजन सहयोगी पुलिस अवर निरीक्षक शम्भू प्रसाद सिंह की पहल पर 10 गवाह पेश किये गये। लोक अभियोजक से मिली जानकारी के अनुसार जामताड़ा जिले के नाला प्रखंड क्षेत्र के रहने वाले तारकनाथ मंडल की शिकायत पर निगरानी थाना में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एक अप्रैल 2010 को नाला में पदस्थापित पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचल अधिकारी शिवजी भगत के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई थी।

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