कोलकाता, 26 जुलाई (हि.स.)। कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्यपाल सीवी आनंद बोस के बारे में बयान दे सकती हैं, बशर्ते वे कानून के दायरे में हों और अपमानजनक न हों। ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता कुणाल घोष ने एकल पीठ के अंतरिम आदेश को चुनौती देते हुए एक खंडपीठ के समक्ष अपील की थी। इस आदेश में बनर्जी और तीन अन्य को राज्यपाल के खिलाफ कोई अपमानजनक या गलत बयान देने से रोक दिया गया था।
जस्टिस आईपी मुखर्जी ने आदेश में संशोधन करते हुए निर्देश दिया कि बनर्जी और घोष राज्यपाल के बारे में बयान दे सकते हैं, बशर्ते वे कानून का पालन करें और अपमानजनक न हों। राज्यपाल बोस के मानहानि के मुकदमे में एकल पीठ के जस्टिस कृष्णा राव ने अंतरिम आदेश में बनर्जी, घोष और दो नव-निर्वाचित टीएमसी विधायकों को 14 अगस्त तक राज्यपाल के खिलाफ कोई अपमानजनक या गलत बयान देने से रोक दिया था।
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