रांची, 22 नवंबर: झारखंड हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से पूछा है कि केंद्र और राज्य सरकार के अफसरों की संयुक्त टीम बनाकर झारखंड के संथाल परगना इलाके में अवैध प्रवासियों (बांग्लादेशी घुसपैठियों) का पता लगाना संभव है या नहीं? कोर्ट ने दो सप्ताह में इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण वहां की डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी) पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव के मुद्दे पर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को यह निर्देश दिया.
कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता प्रशांत पल्लव से कहा कि वह सरकार से इंस्ट्रक्शन लेकर बताएं कि साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, गोड्डा व जामताड़ा आदि क्षेत्र में अवैध प्रवासियों का पता लगाना संभव है या नहीं? पूर्व में कोर्ट ने गृह मंत्रालय से पूछा था कि झारखंड के बॉर्डर इलाके से बांग्लादेशी घुसपैठिए कैसे प्रवेश कर रहे और उन्हें रोकने के लिए क्या किया जा रहा है? जनहित याचिका डेनियल दानिश ने दायर की है.
उन्होंने याचिका में कहा है कि जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज आदि झारखंड के बॉर्डर इलाके से बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड आ रहे हैं. इससे इन जिलों में जनसंख्या में कुप्रभाव पड़ रहा है.इन जिलों में बड़ी पसंख्या में मदरसे स्थापित किए जा रहे हैं. स्थानीय आदिवासियों के साथ वैवाहिक संबंध बनाया जा रहा है. प्रार्थी ने मांग की है कि इस मामले में भारत सरकार का गृह मंत्रालय रिपोर्ट दाखिल करे और बताए कि बॉर्डर इलाके से कैसे बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड आ रहे हैं और उनकी वजह से क्षेत्र की डेमोग्राफी बदल रही है.
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