Author: सोनालल सिंह, पुलिस उपाधीक्षक (से० नि०) | Date: 2023-10-02 12:35:40

सड़क दुर्घटना:अंतरिम मुआवज़ा प्रक्रिया 

यंत्रीकरण के इस युग में अगर मानव किसी यांत्रिक संसाधन का सबसे ज्यादा उपयोग करता है, तो वह है, मोटर यान! मोटरयान की उपयोगिता दुर्घटनाओं की जननी भी बनती है! मार्ग चलते हुए यह देखते हैं कि सड़क दुर्घटनाएं घटित होती हैं! फलस्वरुप आदमी गंभीर रूप से जख्मी होता है, साधारण रूप से जख्मी होता है या उसकी मृत्युकारिता हो जाती है!

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कानून की प्रक्रियाओं का पालन करते हुए भादवि की धारा 279/337/338/304(A)के तहत प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान की कार्रवाई आरंभ की जाती है! लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह एक अहम सवाल है कि जो व्यक्ति इस दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं, या आंशिक रूप से भी विकलांग हो गए हैं, या जिनकी मृत्यु हो गई है, उनको सरकार के द्वारा उनके हैसियत के मुताबिक मुआवजा का भुगतान किया जाए! मुआवजा का भुगतान करने के लिए कुछ विहित प्रक्रियाएं हैं! इन प्रक्रियाओं का पालन करने के उपरांत मुआवजा का भुगतान तदनुसार किया जाता है। 

                               कानूनी प्रावधान- The Motor Vehicle Act 1988 की धारा 164 यह प्रावधान करती है कि किसी भी मोटरवाहन से किसी व्यक्ति की सार्वजनिक स्थान पर दुर्घटना से मृत्यु या गंभीर रूप से घायल हो जाने की स्थिति में संबंधित वाहन मालिक या बीमाकर्ता, मृतक के आश्रित को या घायल व्यक्ति को क्रमशः पाँच लाख रुपए एवं ढाई लाख रुपए मुआवजा के रूप में प्रदान करेगा। 

                         सिविल अपील वाद संख्या 9936 एवं 9937/2016 उषा देवी एवं अन्य बनाम भारत सरकार में उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश भी सड़क दुर्घटना में मृत या घायल व्यक्ति को मुआवजा देने के लिए सरकार को विवश करती है। इसी आदेश के आलोक में बिहार सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर बिहार मोटरगाड़ी (संशोधन-1) नियमावली 2021 तैयार की गई,जो 15 सितंबर 2021 से पूरे बिहार राज्य में लागू है, जो मोटरगाड़ी दुर्घटना में मिलने वाले मुआवजा के प्रावधानों के नियमावली की व्याख्या करती है। दुर्घटना मुआवजा हेतु विहित प्रावधानों को एक-एक कर समझने का प्रयास करते हैं:- 

वाहन दुर्घटना के कारण मृतक के आश्रित अथवा गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को कितना मुआवजा मिलेगा ➖वाहन दुर्घटना में मृत्यु की स्थिति में मृतक के आश्रित को ₹500000(पाँच लाख रुपये) एवं गंभीर रूप से घायल(grievous hurt) व्यक्ति को 2.5 लाख (ढाई लाख रुपए) का तात्कालिक अंतरिम  मुआवजा भुगतान की जाएगी । 

वाहन दुर्घटना के कारण मृतक के आश्रित अथवा गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को अंतरिम मुआवजा भुगतान हेतु प्राधिकारी:-

बिहार मोटरगाड़ी संशोधन (नियमावली-1) 2021 के अंतर्गत मुआवजा भुगतान हेतु पदाधिकारी को नामित कर विशेष नाम प्रदान किया गया है। इस नियमावली के तहत 

1. थानाध्यक्ष- दुर्घटना जांच पदाधिकारी

2. सभी अनुमंडल पदाधिकारी:- दुर्घटना दावा जांच पदाधिकारी (Accidental Claim Inquiry Officer)

3. सभी जिला पदाधिकारी:- दुर्घटना दावा मूल्यांकन पदाधिकारी (Accidental Claim Assessment Officer) कहलाएंगे।  

                     इस अधिनियम की विशेषता है कि यहाँ मृतक के आश्रित अथवा घायल व्यक्ति को यह प्रमाणित करने की आवश्यकता नहीं होगी कि मृत्यु या गंभीर रूप से घायल वाहनस्वामी या सम्बद्ध वाहन  या किसी अन्य व्यक्ति की उपेक्षा या भूलचूक कारण हुई है। 

अंतरिम मुआवजा प्राप्ति हेतु आश्रित कौन होंगे-

विवाहित मृतक का पति या पत्नी।

विवाहित व्यक्ति की मृत्यु की स्थिति में पति या पत्नी के नहीं रहने पर- माता-पिता 

माता-पिता के भी नहीं रहने पर पुत्र एवं पुत्री समान रूप से हकदार होंगे। 

अविवाहित व्यक्ति की मृत्यु की स्थिति में उनके- माता-पिता

अविवाहित मृतक के माता-पिता के जीवित नहीं रहने की स्थिति में- बहन एवं भाई समान रूप से हकदार होंगे। 

किसके द्वारा कौन सा प्रपत्र भरा जाएगा-

1.आवेदन प्रपत्र C-1 (मोटरवाहन दुर्घटना में मृतक के मामले में) अतंरिम मुआवजा स्वीकृति हेतु अनुमंडल पदाधि कारी को समर्पित आवेदन (हिट एंड रन को छोड़कर)

2. आवेदन प्रपत्र C-2 (मोटर वाहन दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल के मामले में) अतंरिम मुआवजा स्वीकति हेतु अनुमंडल  पदाधिकारी को समर्पित आवेदन (हिट एंड रन को छोड़कर)

3.आवेदन प्रपत्र C-3(i) अतंरिम मुआवजा स्वीकति हेतु अनमुडंल पदाधिकारी को समर्पित आवेदन (हिट एंड रन के मामले में)

4. आवेदन प्रपत्र C-4 थानाध्यक्ष द्वारा दिया जानेवाला दुर्घटना जांच प्रतिवेदन (ACCIDENTAL INQUIRY REPORT)भाग II

भुगतान प्रक्रिया- 1. दुर्घटना दावा जांच पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी संबंधित थाना अध्यक्ष/चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्थानीय जिला परिवहन पदाधिकारी से सूचना एवं प्रतिवेदन प्राप्त कर वाहन दुर्घटना जनित किसी व्यक्ति की मृत्यु अथवा गंभीर रूप से घायल होने की संपुष्टि होने पर मुआवजा राशि के अनुरूप अंतरिम भुगतान की कार्रवाई करेंगे।  

दुर्घटना दावा हेतु निम्न कागजात संबंधित दुर्घटना दावा जांच पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी को समर्पित किया जाएगा 

1. दावेदार का आवेदन  विहित प्रपत्र में 

2. थानाध्यक्ष का दुर्घटना जांच प्रतिवेदन केन्द्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 के विहित प्रपत्र-54 में 

3. चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा वाहन दुर्घटना के फलस्वरूप मृत्यु अथवा गंभीर रूप से घायल होने संबंधी प्रतिवेदन 

4. जिला परिवहन पदाधिकारी से दुर्घटनाकारक वाहन का निबंधन/बीमा/वाहन स्वामी का नाम /पिता का नाम एवं पता (विहित प्रपत्र में)                                           

                                   दुर्घटना दावा जांच पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा अनुशंसा किये जाने पर दुर्घटना दावा मूल्यांकन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत पदाधिकारी बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि से अंतरिम मुआवजा के भुगतान की स्वीकृति प्रदान करेंगे जिसके पश्चात सचिव, जिला सड़क सुरक्षा समिति सह जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा संबंधित व्यक्ति को उचित पहचान कर भुगतान किया जाएगा। 

                              वर्तमान परिस्थितियों पर दृष्टिपात करने से यह परिलक्षित होता है कि जिला परिवहन पदाधिकारी ही है जो मुआवजा भुगतान करने के लिए अधिकृत सरकारीकर्मी है, जबकि पहले अंचलाधिकारी जहां पर घटनास्थल अवस्थित है वह मुआवजा भुगतान करने के लिए अधिकृत थे! अंचलाधिकारी विधि व्यवस्था एवं एवं अन्य कार्यों में यथा राजस्व के कार्यों में व्यस्त रहने के कारण मुआवजा का भुगतान ससमय नहीं कर पाते थे जो पीड़ित पक्ष के क्षोभ का कारण बनता था।  अब मुआवजा की प्रक्रिया को सरलीकरण कर दिया गया है जिसके कारण पीड़ित पक्ष को उचित मुआवजा समय प्राप्त हो सकेगा। 

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