भौतिक साक्ष्य क्या है?
साक्ष्य वह वस्तु है, जिसकी सहायता से अनुसंधान के क्रम में किसी घटना को प्रमाणित या अप्रमाणित किया जाता है। ऐसा कोई भी साक्ष्य जिसका भौतिक स्वरूप हो, भौतिक साक्ष्य कहलाता है। भौतिक साक्ष्य रसायन, ठोस, द्रव, या गैसीय अवस्था में पाया जा सकता है। यह जीवित या मृत हो सकता है। नेत्रों, अथवा सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा जा सकता है। कोई भी पदार्थ अथवा वस्तु जिसके परीक्षणपरिणाम से अपराध का घटित होना सिद्ध किया जा सके अथवा अपराधी को पहचानने एवं पता लगाने अथवा अपराधी के अपराध, या घटनास्थल के संबंध को, सिद्ध किया जा सके, भौतिक साक्ष्य कहलाता है।
महत्त्व
भौतिक साक्ष्य अनुसंधानकर्ता के लिए अनुसंधान का महत्वपूर्ण मूल हो सकता है। इसकी सहायता से यह पता लगाया जा सकता है, कि वास्तव में घटना घटी अथवा नहीं। भौतिक साक्ष्य अपराधी एवं घटना के मध्य संबंध स्थापित कर सकता है। अतः किसी भी भौतिक साक्ष्य का अपराध अनुसंधान में, अधिक से अधिक उपयोग करने हेतु अनुसंधानकर्ता को उसके संकलन, संग्रहण, परिरक्षण, संरक्षण, पैकिंग, एवं अग्रसारण की भली भांति जानकारी होना जरूरी है। किसी एक प्रकरण में अनावश्यक अथवा अनुपयोगी प्रतीत होने वाला भौतिक साक्ष्य, दूसरे प्रकरण में अत्यधिक महत्वपूर्ण हो सकता है। यह अपराध की परिस्थिति, क्रिया एवं उद्देश्य पर निर्भर करता है।
भौतिक साक्ष्य के स्रोत
भौतिक साक्ष्य निम्न स्थानों पर आसानी से पाए जा सकते हैं –
घटनास्थल। घटनास्थल के अंतर्गत अपराधी के आने का रास्ता, मुख्य घटनास्थल में प्रवेश बिंदु, वास्तविक घटनास्थल, घटनास्थल से निकलने का रास्ता, एवं पलायन का रास्ता सभी सम्मिलित होता है। इन स्थलों से प्राप्त भौतिक साक्ष्य उद्भेदन में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
पीड़ित व्यक्ति। घटना का पीड़ित व्यक्ति, भौतिक साक्ष्य का महत्वपूर्ण स्रोत होता है। मारपीट, यौन अपराध, आदि के प्रकरणों में पीड़ित व्यक्ति के शरीर से महत्वपूर्ण भौतिक साक्ष्य प्राप्त होते हैं, यथा बाल, रेशा, रक्त,लार, जैविक स्राव आदि।
अपराधी एवं उसका परिवेश। अपराधी अपने साथ महत्वपूर्ण भौतिक साक्ष्य यथा कपड़े जैविक पदार्थ हथियार आदि घटनास्थल से लाता है। अपराधी के निवास स्थल की तलाशी से भी महत्वपूर्ण भौतिक साक्ष्य प्राप्त हो सकते हैं।
विभिन्न प्रकार के घटनास्थलों पर निम्न प्रकार के भौतिक साक्ष्य पाए जाने की संभावना है-
रेशे। textile अर्थात कपड़े, जूट के धागे, बाल, रोए, पंख, रस्सी, सुतली, बोरा आदि
शारीरिक। रक्त, रक्त के धब्बे, वीर्य, वीर्य के धब्बे, मूत्र, लार, थूक, पसीने, विसरा, शरीर के अंग, दांत, नाखून, पेशियां, चमड़ी, मांस, योनि स्वाब, उल्टी, अस्थि, स्टमक वाश, मल मूत्र आदि
रासायनिक। रासायनिक पदार्थ, ज्वलनशील पदार्थ, पेंट एवं रंग के धब्बे, पेट्रोलियम उत्पाद, तेल एवं चिकनाई आदि
वानस्पतिक। पौधे, पत्तियां, जड़, लकड़ी, फल, फूल, बीज, तना, पराग, छाल, रेशे आदि
भौतिक। जाली सिक्कों पर मुद्रित चिन्ह, हाथापाई सूचक चिन्ह, धूल, बुरादे, जानवर या वनस्पति पदार्थ अर्थात घास, बीज आदि के काण, मिट्टी एवं खनिज, शीशे के चूर्ण आदि
चिन्ह/छाप। अंगुली छाप, पैर के छाप, औजार के चिन्ह, दांत के निशान, टायर के निशान, स्किड मार्क आदि
अग्न्याशय बम गोला बारूद। गोला बारूद, कारतूस के खोखे, गोलियां, वैड एवं छर्रे आदि, गोलियों के चिन्ह, विभिन्न प्रकार के आग्नेयास्त्र, पीड़ित व्यक्ति के शरीर पर जलने के निशान और कपड़े पर पाए गए चिन्ह, संदिग्ध व्यक्ति के आस्तीन और हाथों पर पाउडर के जलने के निशान, देसी हथियार बनाने के उपकरण आदि।
विस्फोटक पदार्थ। विभिन्न प्रकार के देसी बम, या अन्य प्रकार के बम, विस्फोटक पदार्थ, डेटोनेटर, डायनामाइट, आरडीएक्स, गिलेनाइट, विस्फोटक पदार्थ के अवशेष, विस्फोटक होने का चिन्ह, पीड़ित व्यक्ति के शरीर एवं कपड़ों पर विस्फोटक के कारण उत्पन्न चिन्ह आदि
विष। उल्टी, पेट का धोवन, बचा हुआ भोजन, खाली शीशियां, पानी पीने का ग्लास, रासायनिक पाउडर, दवाइयां, बीज एवं उसके चूर्ण, विसरा आदि
दस्तावेज। मुद्रित, हस्तलिखित, टंकित दस्तावेज, हस्ताक्षर, लिखावट, जाली हस्ताक्षर, जले अभिलेख, कागज, स्याही, जाली नोट, जाली सिक्के आदि बनाने के उपकरण आदि
उपयोगिता
भौतिक साक्ष्य दोषी और निर्दोष को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भौतिक साक्ष्यों का प्रयोगशाला परीक्षण एक अनुसंधानकर्ता को निम्न प्रकार से सहायता कर सकता है
भौतिक साक्ष्य स्थापित कर सकता है कि वास्तव में घटना घटी है या नहीं।
भौतिक साक्ष्य संदिग्ध और पीड़ित या संदिग्ध एवं घटनास्थल के बीच संपर्क सूत्र बन सकता है।
भौतिक साक्ष्य घटना में संलग्न अपराधियों की पहचान स्थापित कर सकता है।
भौतिक साक्ष्य की सहायता से निर्दोष व्यक्ति की पहचान की जा सकती है।
भौतिक साक्ष्य की सहायता से पीड़ित व्यक्ति के कथन की सत्यता परख सकते हैं एवं प्रमाणित कर सकते हैं।
अभियुक्त का सामना भौतिक साक्ष्य से कराने पर वह अपना अपराध स्वीकार कर सकता है।
भौतिक साक्ष्य वास्तविकता पर आधारित है अतः या अन्य साक्ष्य की अपेक्षा ज्यादा विश्वसनीय है।
भौतिक साक्ष्य को न्यायालय में भी प्रस्तुत कर सकते हैं तथा न्यायालय द्वारा मान्य है।
कभी-कभी मौखिक साक्ष्य या अन्य परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के अभाव में भौतिक साक्ष्य एक मात्र साक्ष्य के रूप में उपलब्ध होता है।
भौतिक साक्ष्य की खोज प्राप्ति एवं संकलन
घटनास्थल विभिन्न स्वरूप के हो सकते हैं। यह घटना के प्रकार एवं घटनास्थल की स्थिति पर निर्भर करता है। अतः घटनास्थल पर भौतिक साक्ष्यों की खोज सावधानीपूर्वक करनी चाहिए। घटनास्थल में कहां खोजना है, और क्या खोजना है, यह घटना स्थल की परिस्थिति पर निर्भर करता है।
किसी भी घटनास्थल से भौतिक साक्ष्य का संग्रह घटनास्थल का छायाचित्र लेने एवं स्केच मैप तैयार करने के पश्चात ही करना चाहिए। हत्या के कांड में शव को पोस्टमार्टम हेतु भेजने के पूर्व शव की स्थिति, हथियार का स्थान, एवं आस पास पाए जाने वाले अन्य भौतिक साक्ष्य को सावधानीपूर्वक नोट किया जाना चाहिए।
भौतिक साक्ष्य का संकलन करते समय निम्नलिखित सावधानियां ध्यान में रखनी चाहिए
किसी भी घटनास्थल पर पहुंच कर तुरंत किसी चीज को हाथ न लगाएं अथवा न उठाएं
प्रत्येक वस्तु को उठाने के लिए दस्ताने का प्रयोग करें
किसी भी चीज को उठाने के लिए उसके कम से कम हिस्से में हाथ लगाए ताकि कोई साक्ष्य नष्ट ना हो
किसी भी भौतिक साक्ष्य के मूल स्वरूप को बनाए रखें, मौलिकता को नष्ट न करें।
चिपटे पदार्थों को उसके किनारों में हाथ लगाकर उठाएं
बोतल, ग्लास, आदि उठाने के लिए एक अंगुली उसकी चोटी एवं एक अंगुली उसके मूठ की पेंदी में लगाएं
आग्नेयास्त्र उठाने के लिए बट तथा बैरल के अग्रभाग में अंगुली लगाएं
फायर गोली को उठाने हेतु रबड़ लगे चिमटे का प्रयोग करें
धूल गर्द या पाउडर उठाने हेतु ब्रॉस या वेक्यूम क्लीनर का उपयोग करें
बम या विस्फोटक पदार्थ को तब तक हाथ न लगाए जब तक उसे निष्क्रिय न कर दिया जाए जिससे विस्फोट होने की संभावना ना हो
खून, वीर्य, द्रव, उल्टी आदि उठाने के लिए चम्मच, स्केल पेल का प्रयोग करें
पैकिंग लेबलिंग एवं सीलिंग
भौतिक साक्ष्यों को पैक करते समय निम्नलिखित निर्देशों को ध्यान में रखना आवश्यक है
पैकिंग हेतु प्रयुक्त डब्बे मजबूत हो, ताकि बाहर से कोई चीज उसमें प्रवेश ना करें
पैक की गई वस्तुओं के बीच रुई, थर्मोकोल आदि भर देना चाहिए जिससे कि वे आपस में टकराकर नष्ट न हो।
प्रत्येक साक्ष्य को अलग-अलग पैक कर लेबल लगाकर समस्त को एक बड़े पैकेट में करना चाहिए
पैकिंग हेतु स्वच्छ पैकिंग डब्बे का प्रयोग करें
वह साक्ष्य जिन पर फिंगरप्रिंट है, पैक करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह आपस में न टकराएं।
हथियार या औजार पर लेबल लगाते समय उस स्थान का चयन करें जहां कोई दाग या धब्बा नहीं लगा हो
पर्ची पर क्रम संख्या लिखकर अनुसंधानकर्ता को हस्ताक्षर कर देना चाहिए
प्रत्येक साक्ष्य पर अलग-अलग पर्ची लगाया जाना चाहिए
पैकिंग की सही स्थिति को निशान द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए जिससे उसे उल्टा ना रखा जाए
प्रदर्श को विशेष वाहक द्वारा जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाना चाहिए
साक्ष्य की पैकिंग को जांच हेतु भेजने से पूर्व अच्छी तरह सील कर देना चाहिए, ताकि कोई अन्य व्यक्ति उसे नहीं खोल सके। बांधे गए पैकिंग के प्रत्येक गांठ या जोड़ को सील करना चाहिए। मुद्रा (Seal) का मुद्रण स्पष्ट होना चाहिए, तथा उसे अनुसंधानकर्ता की निजी सुरक्षा में रखा जाना चाहिए। मुद्रा का नमूना प्रसारण प्रतिवेदन के साथ भेजा जाना चाहिए।
अग्रसारण
अग्रसारण पत्र की एक प्रति अलग से विशेषज्ञ के पास भेजा जाना उचित है। पत्र को भली प्रकार मुद्रित कर विशेष वाहक द्वारा भेजा जाना चाहिए। अग्रसारण पत्र की एक प्रति पार्सल के अंदर बंद किया जाना चाहिए जिससे यह सुनिश्चित हो कि वह उसी अभियोग का प्रदर्श है। अग्रसारण पत्र में निम्नलिखित विवरण अंकित किया जाना चाहिए
थाना जिला राज्य
अभियोग संख्या एवं विधि की धारा
घटना का संक्षिप्त विवरण तथा अस्थान एवं परिस्थिति जहां से प्रदर्श प्राप्त किया गया है
प्रत्येक पैकेट में बंद प्रदर्शों का विवरण
किस प्रकार का परीक्षण होना है अथवा जांच के बिंदु
जांच हेतु अग्रसारित करने वाले पदाधिकारी का नोट
अनुसंधानकर्ता का नाम व पद
प्रयोग की गई मुद्रा का नमूना
ब्रदर्स को जांच करने का अधिकार पत्र
उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखकर अनुसंधान करना, एक सफल अनुसंधानकर्ता के लक्षण को प्रदर्शित करता है।
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