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378. चोरी -
379. चोरी के लिए दण्ड -
380. निवास-गृह, आदि में चोरी -
381. लिपिक या सेवक द्वारा स्वामी के कब्जे की सम्पत्ति की चोरी -
382. चोरी करने के लिए मृत्यु, उपहति या अवरोध कारित करने की तैयारी के पश्चात् चोरी -
383. उद्दापन-
384. उद्दापन के लिए दण्ड -
385. उद्दापन करने के लिए किसी व्यक्ति को क्षति के भय में डालना -
386. किसी व्यक्ति को मृत्यु या घोर उपहति के भय में डालकर उद्दापन -
387. उद्दापन करने के लिए किसी व्यक्ति को मृत्यु या घोर उपहति के भय में डालना -
388. मृत्यु या आजीवन कारावास, आदि से दण्डनीय अपराध का अभियोग लगाने की धमकी देकर उद्दापन -
389. उद्दापन करने के लिए किसी व्यक्ति को अपराध का अभियोग लगाने के भय में डालना -
390. लूट -
391. डकैती -
392. लूट के लिए दण्ड -
393. लूट करने का प्रयत्न -
394. लुट करने में स्वेच्छया उपहति कारित करना -
395. डकैती के लिए दण्ड -
396. हत्या सहित डकैती -
397. मृत्यु या घोर उपहति कारित करने के प्रयत्न के साथ लूट या डकैती -
398. घातक आयुध से सज्जित होकर लूट या डकैती करने का प्रयत्न -
399. डकैती करने के लिए तैयारी करना -
400. डाकुओं की टोली का होने के लिए दण्ड -
401. चोरों की टोली का होने के लिए दण्ड -
402. डकैती करने के प्रयोजन से एकत्रित होना -
403. संपत्ति का बेईमानी से दुर्विनियोग -
404. ऐसी सम्पत्ति का बेईमानी से दुर्विनियोग जो मृत व्यक्ति की मृत्यु के समय उसके कब्जे में थी -
405. आपराधिक न्यासभंग -
406. आपराधिक न्यासभंग के लिए दण्ड -
407. वाहक, आदि द्वारा आपराधिक न्यासभंग -
408. लिपिक या सेवक द्वारा आपराधिक न्यासभंग -
409. लोक-सेवक द्वारा या बैंकर, व्यापारी या अभिकर्ता द्वारा आपराधिक न्यासभंग -
410. चुराई हुई संपत्ति -
411. चुराई हुई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना -
412. ऐसी संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना जो डकैती करने में चुराई गई है -
413. चुराई हुई संपत्ति का अभ्यासत: व्यापार करना -
414. चुराई हुई संपत्ति छिपाने में सहायता करना -
415. छल -
416. प्रतिरूपण द्वारा छल -
417. छल के लिए दण्ड -
418. इस ज्ञान के साथ छल करना कि उस व्यक्ति को सदोष हानि हो सकती है जिसका हित संरक्षित रखने के लिए अपराधी आबद्ध है -
419. प्रतिरूपण द्वारा छल के लिए दण्ड -
420. छल करना और संपत्ति परिदत्त करने के लिए बेईमानी से उत्प्रेरित करना -
421. लेनदारों में वितरण निवारित करने के लिए सम्पत्ति का बेईमानी से या कपटपूर्वक अपसारण या छिपाना -
422. ऋण को लेनदारों के लिए उपलब्ध होने से बेईमानी से या कपटपूर्वक निवारित करना -
423. अन्तरण के ऐसे विलेख का, जिसमें प्रतिफल के संबंध में मिथ्या कथन अन्तर्विष्ट है, बेईमानी से या कपटपूर्वक निष्पादन -
424. संपत्ति का बेईमानी से या कपटपूर्वक अपसारण या छिपाया जाना -
425. रिष्टि -
426. रिष्टि के लिए दण्ड -
427. रिष्टि जिससे पचास रुपए का नुकसान होता है -
428. दस रुपए के मूल्य के जीवजन्तु को वध करने या उसे विकलांग करने द्वारा रिष्टि -
429. किसी मूल्य के ढोर, आदि की या पचास रुपए के मूल्य के किसी जीवजन्तु को वध करने या उसे विकलांग करने द्वारा रिष्टि -
430. सिंचन संकर्म को क्षति करने या जल को दोषपूर्वक मोड़ने द्वारा रिष्टि -
431. लोक सड़क, पुल, नदी या जलसरणी को क्षति पहुंचाकर रिष्टि -
433. किसी दीपगृह या समुद्री चिन्ह को नष्ट करके, हटाकर या कम उपयोगी बनाकर रिष्टि -
434. लोक प्राधिकारी द्वारा लगाए गए भूमि चिन्ह को नष्ट करने या हटाने आदि द्वारा रिष्टि -
435. सौ रुपए का या (कृषि उपज की दशा में) दस रुपए का नुकसान कारित करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा रिष्टि -
436. गृह आदि को नष्ट करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा रिष्टि -
437. तल्लायुक्त या बीस टन बोझ वाले जलयान को नष्ट करने या सापद बनाने के आशय से रिष्टि -
438. धारा 437 में वर्णित अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा की गई रिष्टि के लिए दण्ड -
439. चोरी, आदि करने के आशय से जलयान को साशय भूमि या किनारे पर चढ़ा देने के लिए दण्ड -
440. मृत्यु या उपहति कारित करने की तैयारी के पश्चात् की गई रिष्टि -
441. आपराधिक अतिचार -
442. गृह-अतिचार -
443. प्रच्छन्न गृह-अतिचार -
444. रात्रौ प्रच्छन्न गृह-अतिचार -
445. गृह-भेदन -
446. रात्रौ गृह-भेदन -
447. आपराधिक अतिचार के लिये दण्ड -
448. गृह-अतिचार के लिए दण्ड -
449. मृत्यु से दण्डनीय अपराध को करने के लिए गृह-अतिचार -
450. आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध को करने के लिए गृह-अतिचार -
451. कारावास से दण्डनीय अपराध को करने के लिए गृह-अतिचार -
452. उपहति, हमला या सदोष अवरोध की तैयारी के पश्चात् गृह-अतिचार -
453. प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन के लिए दण्ड -
454. कारावास से दण्डनीय अपराध करने के लिए प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन -
455. उपहति, हमले या सदोष अवरोध की तैयारी के पश्चात् प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृहभेदन -
456. रात्रौ प्रच्छन्न गृह-अतिचार या रात्रौ गृह-भेदन के लिए दण्ड -
457. कारावास से दण्डनीय अपराध करने के लिए रात्रौ प्रच्छन्न गृह-अतिचार या रात्रौ गृहभेदन -
458. उपहति, हमला या सदोष अवरोध की तैयारी के पश्चात् रात्रौ प्रच्छन्न गृह-अतिचार या रात्रौ गृह-भेदन -
459. प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन करते समय घोर उपहति कारित हो -
460. रात्रौ प्रच्छन्न गृह-अतिचार या रात्रौ गृहभेदन में संयुक्ततः सम्पृक्त समस्त व्यक्ति दण्डनीय हैं, जबकि उसमें से एक द्वारा मृत्यु या घोर उपहति कारित की हो -
461. ऐसे पात्र को, जिसमें संपत्ति है, बेईमानी से तोड़कर खोलना -
462. उसी अपराध के लिए दण्ड, जबकि वह ऐसे व्यक्ति द्वारा किया गया है जिसे अभिरक्षा न्यस्त की गई है -