394. Voluntarily causing hurt in committing robbery -
Author: | Date:
2022-11-14 18:53:57
394. लुट करने में स्वेच्छया उपहति कारित करना -
यदि कोई व्यक्ति लूट करने में या लूट का प्रयत्न करने में स्वेच्छया उपहति कारित करेगा, तो ऐसा व्यक्ति और जो कोई अन्य व्यक्ति ऐसी लूट करने में, या लूट का प्रयत्न करने में संयुक्त तौर पर संपृक्त होगा वह आजीवन कारावास से या कठिन कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
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राज्य संशोधन
मध्यप्रदेश - धारा 394 के अधीन अपराध "सत्र न्यायालय'' द्वारा विचारणीय है।
[देखें म.प्र. अधिनियम क्रमांक 2 सन् 2008 की धारा 4. म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 22-2-2008 पृष्ठ 117-158 पर प्रकाशित ।]
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394. Voluntarily causing hurt in committing robbery -
If any person, in committing or in attempting to commit robbery, voluntarily causes hurt, such person, and any other person jointly concerned in committing or attempting to commit such robbery, shall be punished with imprisonment for life, or with rigorous imprisonment for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.
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STATE AMENDMENT
Madhya Pradesh — Offence under section 394 is triable by “Court of Session”.
[Vide Madhya Pradesh Act 2 of 2008, section 4. Published in M.P. Rajpatra (Asadharan) dated 22-2-2008 page 158-158(1).]
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