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211. आरोप की अन्तर्वस्तु --
212. समय, स्थान और व्यक्ति के बारे में विशिष्टियाँ --
213. कब अपराध किए जाने की रीति कथित की जानी चाहिए --
 214. आरोप के शब्दों का वह अर्थ लिया जाएगा जो उनका उस विधि में है जिसके अधीन वह अपराध दण्डनीय है -
215. गलतियों का प्रभाव --
216. न्यायालय आरोप परिवर्तित कर सकता है --
217. जब आरोप परिवर्तित किया जाता है तब साक्षियों का पुनः बुलाया जाना -
218. सुभिन्न अपराधों के लिए पृथक् आरोप -
 219. एक ही वर्ष में किए गए एक ही किस्म के तीन अपराधों का आरोप एक साथ लगाया जा सकेगा--
220. एक से अधिक अपराधों के लिए विचारण - 
221, जहाँ इस बारे में संदेह है कि कौन-सा अपराध किया गया है -
222. जब वह अपराध, जो साबित हुआ है, आरोपित अपराध के अन्तर्गत है -
223. किन व्यक्तियों पर संयुक्त रूप से आरोप लगाया जा सकेगा -
224. कई आरोपों में से एक के लिए दोषसिद्धि पर शेष आरोपों को वापस लेना --