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503. आपराधिक अभित्रास -
504. लोकशांति भंग कराने को प्रकोपित करने के आशय से साशय अपमान -
505. लोक रिष्टिकारक वक्तव्य -
506. आपराधिक अभित्रास के लिए दण्ड -
507. अनाम संसूचना द्वारा आपराधिक अभिन्रास -
508. व्यक्ति को यह विश्वास करने के लिए उत्प्रेरित करके कि वह दैवी अप्रसाद का भाजन होगा कराया गया कार्य -
509. शब्द, अंगविक्षेप या कार्य जो किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के लिए आशयित है -
510. मत्त व्यक्ति द्वारा लोक स्थान में अवचार -