79. Presumption as to genuineness of certified copies
Author: | Date:
2023-05-14 14:44:31
दस्तावेजों के बारे में उपधारणाएँ
79. प्रमाणित प्रतियों के असली होने के बारे में उपधारणा -- न्यायालय हर ऐसी दस्तावेज का असली होना उपधारित करेगा जो ऐसा प्रमाणपत्र, प्रमाणित प्रति या अन्य दस्तावेज होनी तात्पर्यित है, जिसका किसी विशिष्ट तथ्य के साक्ष्य के रूप में ग्राह्य होना विधि द्वारा घोषित है और जिसका केन्द्रीय सरकार या किसी राज्य सरकार के किसी ऑफिसर द्वारा या जम्मू-कश्मीर राज्य के किसी ऐसे ऑफिसर द्वारा, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा इसके लिए सम्यक् रूप से प्राधिकृत हो सम्यक रूप से प्रमाणित होना तात्पर्यित है :
परन्तु यह तब जबकि ऐसी दस्तावेज सारतः उस प्ररूप में हो तथा ऐसी रीति से निष्पादित हई तात्पर्यिंत हो जो विधि द्वारा तन्निमित्त निर्दिष्ट है।
न्यायालय यह भी उपधारित करेगा कि कोई ऑफिसर, जिसके द्वारा ऐसी दस्तावेज का हस्ताक्षरित या प्रमाणित होना तात्पर्यित है, वह पदीय हैसियत, जिसका वह ऐसे कागज में दावा करता है, उस समय रखता था जब उसने उसे हस्ताक्षरित किया था।
PRESUMPTIONS AS TO DOCUMENTS
79. Presumption as to genuineness of certified copies -- The Court shall presume to be genuine every document purporting to be a certificate, certified copy or other document, which is by law declared to be admissible as evidence of any particular fact and which purports to be duly certified by any officer of the Central Government or of a State Government, or by any officer in the State of Jammu and Kashmir who is duly authorised thereto by the Central Government :
Provided that such document is substantially in the form and purports to be executed in the manner directed by law in that behalf.
The Court shall also presume that any officer by whom any such document purports to be signed or certified held, when he signed it, the official character which he claims in such paper.
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