352. Punishment for assault or criminal force otherwise than on grave provocation -

Author: | Date: 2022-11-13 19:44:43

352. गंभीर प्रकोपन होने से अन्यथा हमला करने या आपराधिक बल का प्रयोग करने के लिए दण्ड -

जो कोई किसी व्यक्ति पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग उस व्यक्ति द्वारा गंभीर और अचानक प्रकोपन दिए जाने पर करने से अन्यथा करेगा, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पाँच सौ रुपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा

स्पष्टीकरण - इस धारा के अधीन किसी अपराध के दण्ड में कमी गंभीर और अचानक प्रकोपन के कारण न होगी, यदि वह प्रकोपन अपराध करने के लिए प्रतिहेतु के रूप में अपराधी द्वारा ईप्सित या स्वेच्छया प्रकोपित किया गया हो, अथवा 

यदि वह प्रकोपन किसी ऐसी बात द्वारा दिया गया हो जो विधि के पालन में, या किसी लोक सेवक द्वारा ऐसे लोक सेवक की शक्ति के विधिपूर्ण प्रयोग में, की गई हो, अथवा

यदि वह प्रकोपन किसी ऐसी बात द्वारा दिया गया हो जो प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार के विधिपूर्ण प्रयोग में की गई हो।

प्रकोपन अपराध को कम करने के लिए पर्याप्त गंभीर और अचानक था या नहीं, यह तथ्य का प्रश्न है ।

352. Punishment for assault or criminal force otherwise than on grave provocation -

Whoever assaults or uses criminal force to any person otherwise than on grave and sudden provocation given by that person, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three months, or with fine which may extend to five hundred rupees, or with both.

Explanation — Grave and sudden provocation will not mitigate the punishment for an offence under this section. If the provocation is sought or voluntarily provoked by the offender as an excuse for the offence, or

if the provocation is given by anything done in obedience to the law, or by a public servant, in the lawful exercise of the powers of such public servant, or

if the provocation is given by anything done in the lawful exercise of the right of private defence.

Whether the provocation was grave and sudden enough to mitigate the offence, is a question of fact.