376 E. Punishment for repeat offenders -

Author: | Date: 2022-11-13 19:12:15

376. ङ पुनरावृत्तिकर्ता अपराधियों के लिए दंड -

जो कोई, धारा 376 या धारा 376 क या "धारा 376 कख या धारा 376 घ या धारा 376 घक या धारा 376 घख" [क्रिमिनल लॉ (संशोधन) अधिनियम, 2018, दिनांक – 11 अगस्त 2018 द्वारा प्रतिस्थापित]  के अधीन दण्डनीय किसी अपराध के लिये पूर्व में दंडित किया गया है और तत्पश्चात् उक्त धाराओं में से किसी के अधीन दंडनीय किसी अपराध के लिए सिद्धदोष ठहराया जाता है, आजीवन कारावास से, जिससे उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत होगा, या मृत्युदंड से दंडित किया जाएगा।

----------------------------------------------------------------------

राज्य संशोधन

छत्तीसगढ़ - धारा 376ङ के पश्चात्‌ निम्नलिखित अंतःस्थापित किया जाए, अर्थात्‌ :-

“376 च. कार्यस्थल के भारसाधक व्यक्ति एवं अन्य का अपराध की सूचना देने का दायित्व - जो कोई, किसी कार्यस्थल का भारसाधक व्यक्ति होते हुए या ऐसे स्थल में उपस्थित कोई अन्य व्यक्ति, जिसे यह ज्ञान हो कि धारा 376 या धारा 376घ के अधीन कोई अपराध ऐसे स्थल पर कारित हो रहा है तथा ऐसे किसी अपराध को कारित होने से रोकने की स्थिति में होते हुए ऐसे किसी अपराध को कारित होने से रोकने में अथवा अपराधी को वैध दण्ड से बचाने के आशय से ऐसे किसी अपराध के कारित होने की सूचना किसी भी तरीके से किसी भी मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी को देने में विफल रहता है, वह ऐसे अपराध के दुष्प्रेरण के लिए दायी होते हुए दोनों में से किसी भी भांति के कारावास जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी एवं जुर्माने के लिए दायी होगा और ऐसे व्यक्ति का, ऐसी सूचना देने पर, कोई दायित्व उपगत नहीं होगा।

स्पष्टीकरण - कार्यस्थल में सम्मिलित है, स्त्री जिसके प्रति ऐसा अपराध कारित हुआ है, को कार्यस्थल से उसके निवास एवं निवास से कार्यस्थल तक आवागमन के लिए कार्यस्थल के भारसाधक व्यक्ति के स्वामित्व का, किराये पर या अन्यथा संलग्न परिवहन का कोई साधन"।

[देखे दण्ड विधि (छ.ग. संशोधन) अधिनियम, 2013 (क्र. 25 सन्‌ 2015), धारा 5 (दिनांक 21-7-2015 से प्रभावशील) | छ.ग., राजपत्र (असाधारण) दिनांक 21-7-2015 पृष्ठ 777-778 (9) पर प्रकाशित ।]

----------------------------------------------------------------------

376 E. Punishment for repeat offenders -

Whoever has been previously convicted of an offence punishable under section 376 or section 376A or "section 376AB or section 376D or section 376DA or section 376DB" [substituted vide - Criminal Law (Amendment) Act, 2018 Dated - 11 Aug, 2018] is subsequently convicted of an offence punishable under any of the said sections shall be punished with imprisonment for life which shall mean imprisonment for the remainder of that person's natural life or with death.

----------------------------------------------------------------------

STATE AMENDMENT

Chhattisgarh — After Section 376E, the following shall be inserted, namely:-

“376 F. Liability of person-in-charge of workplace and others to give information about offence - Whoever, being person-in-charge of any workplace or any other person present at such place, having knowledge that an offence under section 376 or section 376D, is being committed at such place and being in a position to prevent commission of such offence fails so, to prevent such offence or to give information of the commission of such offence, to any magistrate or police officer, by any mode, with the intention of screening the offender from legal punishment, shall be liable to be punished for abetment of such offence with imprisonment of either description which may extend to three years and fine and no such person shall incur any liability for giving such information.

Explanation -- Work-place includes any mode of transport owner, hired or otherwise engaged by the person-in-charge of the workplace for the conveyance of the woman, who was subjected to such offence, to and from her residence to such work-place.”

[Vide The Criminal Law (C.G. Amendment) Act, 2013 (No. 25 of 2015), Sec. 5 (w.e.f. 21-7-2015). Published in C.G. Rajpatra (Asadharan) dated 21-7-2015 pages 777-778(9).]

----------------------------------------------------------------------