153 A A. Punishment for knowingly carrying arms in any procession or organising, or holding or taking part in any mass drill or mass training with arms -
Author: | Date:
2022-11-12 19:03:28
153 – क क. किसी जुलूस में जानबूझकर आयुध ले जाने या किसी सामूहिक ड्रिल या सामूहिक प्रशिक्षण का आयुध सहित संचालन या आयोजन करना या उसमें भाग लेने के लिये दण्ड –
जो कोई किसी सार्वजनिक स्थान में, दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) की धारा 144-क के अधीन जारी की गई किसी लोक सूचना या किए गए किसी आदेश के उल्लंघन में किसी जुलूस में जानबूझकर आयुध ले जाता है या सामूहिक ड्रिल या सामूहिक प्रशिक्षण या आयुध सहित जानबूझकर संचालन, आयोजन करता है और उसमें भाग लेता है तो वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी और जुमनि से, जो दो हजार रुपए तक का हो सकेगा दण्डित किया जाएगा। स्पष्टीकरण – “आयुध” से अपराध या बचाव के लिए हथियार के रूप में डिजाइन की गई या अपनाई गई किसी भी प्रकार की कोई वस्तु अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत अग्नि शस्त्र, नुकीली धार वाला हथियार, लाठी, डण्डा और छड़ी भी है ।
153 A A. Punishment for knowingly carrying arms in any procession or organising, or holding or taking part in any mass drill or mass training with arms -
Whoever knowingly carries arms in any procession or organizes or holds or takes part in any mass drill or mass training with arms in any public place in contravention of any public notice or order issued or made under section 144-A of the Code of Criminal Procedure, 1973 (2 of 1974) shall be punished with imprisonment for a term which may extend to six months and with fine which may extend to two thousand rupees.
Explanation — “Arms” means articles of any description designed or adapted as weapons for offence or defence and includes fire-arms, sharp-edged weapons, lathis, dandas and sticks.
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