40. “Offence” –

Author: | Date: 2022-11-11 11:12:50

40 “अपराध” – 

इस धारा के खण्ड 2 और 3 में वर्णित अध्यायों और धाराओं के सिवाय “अपराध” शब्द इस संहिता द्वारा दण्डनीय की गई किसी बात का द्योतक है। अध्याय 4, अध्याय 5क और निम्नलिखित धाराएं, अर्थात् धारा 64, 65, 66, 67, 71, 109, , 110, 112, 114, 115, 116, 117, 118, 119 और 120,187, 194, 195, 203, 211, 213, 214, 221, 222, 223, 224, 225, 327, 328, 329, 330, 331, 347, 348, 388, 389 और 445 में “अपराध’ शब्द इस संहिता के अधीन या एतस्मिन् पश्चात् यथापरिभाषित विशेष या स्थानीय विधि के अधीन दण्डनीय बात का द्योतक है और धारा 141,176, 177, 201, 202, 212, 216 और 441 में “अपराध” शब्द का अर्थ उस दशा में वही है जिसमें कि विशेष या स्थानीय विधि के अधीन दण्डनीय बात ऐसी विधि के अधीन छह मास या उससे अधिक अवधि के कारावास से, चाहे वह जुर्माने सहित हो या रहित, दण्डनीय हो ।

40. “Offence” –

Except in the (Chapters) and sections mentioned in clauses 2 and 3 of this section, the word "offence" denotes a thing made punishable by this Code.

In Chapter IV, Chapter VA and in the following sections, namely, sections - 64, 65, 66, 67, 71, 109, 110, 112, 114, 115, 116, 117,6[118, 119 and 120, 187, 194, 195, 203, 211​, ​213, 214, 221, 222, 223, 224, 225, 327,328, 329,330, 331, 347, 348, 388, 389 and 445, the word "offence” denotes a thing punishable under this Code, or under any special or local law as hereinafter defined.

And in sections 141, 176, 177, 201, 202, 212, 216 and 441, the word "offence” has the same meaning when the thing punishable under the special or local law is punishable under such law with imprisonment for a term of six months or upwards, whether with or without fine.