362. Court not to alter judgment ---
Author: | Date:
2022-10-28 17:56:11
362. न्यायालय का अपने निर्णय में परिवर्तन न करना -- इस संहिता या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि द्वारा जैसा उपबंधित है उसके सिवाय कोई न्यायालय जब उसने किसी मामले को निपटाने के लिए अपने निर्णय या अंतिम आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं तब लिपिकीय या गणितीय भूल को ठीक करने के सिवाय उसमें कोई परिवर्तन नहीं करेगा या उसका पुनर्विलोकन नहीं करेगा।
362. Court not to alter judgment --- Save as otherwise provided by this Code or by any other law for the time being in force, no Court, when it has signed its judgment or final order disposing of a case, shall alter or review the same except to correct a clerical or arithmetical error.
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