268. Power of State Government to exclude certain persons from operation of section 267 —
Author: | Date:
2022-10-27 20:23:47
268. धारा 267 के प्रवर्तन से कतिपय व्यक्तियों को अपवर्जित करने की राज्य सरकार की शक्ति --
(1) राज्य सरकार, उपधारा (2) में विनिर्दिष्ट बातों को ध्यान में रखते हुए, किसी समय, साधारण या विशेष आदेश द्वारा, यह निर्देश दे सकती है कि किसी व्यक्ति को या किसी वर्ग के व्यक्तियों को उस कारागार से नहीं हटाया जाएगा जिसमें उसे या उन्हें परिरुद्ध या निरुद्ध किया गया है, और तब, जब तक ऐसा आदेश प्रवृत्त रहे, धारा 267 के अधीन दिया गया कोई आदेश, चाहे वह राज्य सरकार के आदेश के पूर्व किया गया हो या उसके पश्चात् ऐसे व्यक्ति या ऐसे वर्ग के व्यक्तियों के बारे में प्रभावी न होगा।
(2) उपधारा (1) के अधीन कोई आदेश देने के पूर्व, राज्य सरकार निम्नलिखित बातों का ध्यान रखेगी, अर्थात्--
(क) उस अपराध का स्वरूप जिसके लिए, या वे आधार, जिन पर, उस व्यक्ति को या उस वर्ग के व्यक्तियों को कारागार में परिरुद्ध या निरुद्ध करने का आदेश दिया गया है;
(ख) यदि उस व्यक्ति को या उस वर्ग के व्यक्तियों को कारागार से हटाने की अनुज्ञा दी जाए तो लोक-व्यवस्था में विघ्न की संभाव्यता;
(ग) लोक हित, साधारणतः ।
268. Power of State Government to exclude certain persons from operation of section 267 —
(1) The State Government may, at any time, having regard to the matters specified in sub-section (2), by general or special order, direct that any person or class of persons shall not be removed from the prison in which he or they may be confined or detained and thereupon, so long as the order remains in force, no order made under section 267, whether before or after the order of the State Government, shall have effect in respect of such person or class of persons.
(2) Before making an order under sub-section (1), the State Government shall have regard to the following matters, namely
(a) the nature of the offence for which, or the grounds on which, the person or class of persons has been ordered to be confined or detained in prison;
(b) the likelihood of the disturbance of public order if the person or class of persons is allowed to be removed from the prison;
(c) the public interest, generally.
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