Q1.निम्नलिखित मामलों में से किसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्राथमिकी (FIR) ठोस सबूत नहीं है और केवल इसके निर्माता की पुष्टि करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है?
अनिल कुमार बनाम बी. एस. नीलकांत, ए.आई. आर. 2010एससी 2715
भारत संघ बनाम ए. कुमार, ए.आई.आर. 2010 एस.सी.2735
विजेता गजरा बनाम राज्य, ए.आई.आर. 2010 एस.सी.2712
सी. मंगेश बनाम कर्नाटक राज्य, ए.आई.आर 2010 ए.सी. 2768
सी. मंगेश बनाम कर्नाटक राज्य, ए.आई.आर 2010 ए.सी. 2768
Q2.परिस्थितिजन्य साक्ष्य के संदर्भ में: 1. जिन परिस्थितियों से निष्कर्ष निकाला जाता है, उन्हें पूरी तरह से स्थापित किया जाना चाहिए। (The circumstances from which the conclusion is drawn, should be fully established. 2. परिस्थितियाँ निर्णायक प्रकृति की होनी चाहिए) (The circumstances should be conclusive in nature.) 3. इस प्रकार स्थापित सभी तथ्य केवल अपराध और निर्दोषता की परिकल्पना के अनुरूप होने चाहिए। (All the facts so established should be consistent only with the hypothesis of guilt and innocence.) 4. परिस्थितियों को, नैतिक निश्चितता के लिए, अभियुक्त के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के अपराध की संभावना को बाहर करना चाहिए। (The circumstances should, to a moral certanity, exclude the possibility of guilt of any person other than the accused.)
केवल 1,2 एवं 3 सही है
1 एवं 2 सही है
1, 2 एवं 4 सही है
1, 2, 3 एवं 4 सही है
1, 2 एवं 4 सही है
Q3.निम्नलिखित में से किस उदाहरण में साक्ष्य का अर्थ है "एक तथ्य जिसमें एक निष्कर्ष नींव के रूप में है?
प्रत्यक्ष साक्ष्य
परिस्थितिजन्य साक्ष्य
उपरोक्त दोनों
उपरोक्त कोई नहीं
परिस्थितिजन्य साक्ष्य
Q4.भारतीय साक्ष्य अधिनियिम्, 1872 प्रत्यक्ष रूप से उल्लेख नहीं करता है-
दस्तावेजी साक्ष्य का
मौखिक साक्ष्य का
परिस्थितिजन्य साक्ष्य का
द्वितीयक साक्ष्य का
परिस्थितिजन्य साक्ष्य का
Q5.निम्न में से कौन-सा साक्ष्य का एक प्रकार नहीं है?
पढ़ी गई साक्ष्य
द्वितीयक
अनुश्रुत साक्ष्य
मौखिक साक्ष्य
पढ़ी गई साक्ष्य
Q6."अवांछनीय विधि से प्राप्त साक्ष्य ग्राह्य है. यदि यह सुसंगत है।" न्यायालय ने यह कहा है
हरप्रसाद बनाम शिवदयाल
कल्पनाथ राय बनाम महाराष्ट्र राज्य
पुष्पा देवी एम. जाटिया बनाम एम.एल. वाधवा
रोनी बनाम महाराष्ट्र राज्य
पुष्पा देवी एम. जाटिया बनाम एम.एल. वाधवा
Q7.किस न्याय निर्णय में परिस्थितिजन्य साक्ष्य के बारे में पाँच स्वर्णिम सिद्धांत (पंचशील) प्रतिपादित किया गया है?
उत्तर प्रदेश राज्य विरुद्ध एम.के. एंथोनी
रावशिव बहादुर सिंह विरुद्ध विध्य प्रदेश राज्य
शरद बिरदीचंद शारदा विरुद्ध महाराष्ट्र राज्य
शंकरी प्रसाद विरुद्ध भारत संघ
शरद बिरदीचंद शारदा विरुद्ध महाराष्ट्र राज्य
Q8.न्यायालय को यह विश्वास है कि तथ्य अस्तित्व में नहीं है- से अभिप्राय है-
साबित
नासाबित
साबित नहीं हुआ
उपर्युक्त सभी
नासाबित
Q9.आर. एम. मलकानी बनाम महाराष्ट्र राज्य (ए.आई.आर. 1973 सु. को. 157) किसकी ग्राह्यता से संबंधित है?
पुलिस से की गई संस्वीकृति
विशेषज्ञ राय
टेप रिकॉर्ड किया हुआ साक्ष्य
अनुश्रुत साक्ष्य
टेप रिकॉर्ड किया हुआ साक्ष्य
Q10.निम्नलिखित में से किसे साक्ष्य अधिनियम की धारा 3 के तहत साक्ष्य नहीं माना गया है?
वार्तालाप की टेप रिकॉर्डिंग
शपथ-पत्र
अदालत के निरीक्षण के लिए प्रस्तुत किए गए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड
अदालत के निरीक्षण के लिए प्रस्तुत किए गए सभी दस्तावेज
शपथ-पत्र
Q11.भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के अंतर्गत निम्नलिखित में क्या साक्ष्य नहीं है?
सुनवाई के दौरान किसी मामले के बारे में न्यायाधीश का व्यक्तिगत ज्ञान और विचार
मूक साक्षी का बयान
न्यायालय के निरीक्षण हेतु प्रस्तुत दस्तावेज
इलेक्ट्रॉनिक सी. डी.
सुनवाई के दौरान किसी मामले के बारे में न्यायाधीश का व्यक्तिगत ज्ञान और विचार
Q12.प्रथम सूचना रिपोर्ट तात्विक साक्ष्य नहीं है. इसका प्रयोग विचारण के दौरान निम्नलिखित हेतु किया जा सकता है-
केवल सूचनादाता के साक्ष्य की पुष्टि हेतु
केवल सूचनादाता के साक्ष्य के खण्डन हेतु
उपरोक्त (a) एवं (b) दोनों के लिए
न तो (a) के लिए और न तो (b) के लिए
उपरोक्त (a) एवं (b) दोनों के लिए
Q13.कोई भी तथ्य “साबित नहीं हुआ" कहा जाता है-
जब वह नासाबित हुआ है।
जब न्यायालय अपने समक्ष विषयों पर विचार करने के पश्चात यह विश्वास करे कि उसका अस्तित्व नहीं है।
जब कोई प्रज्ञावान व्यक्ति अधिसंभाव्य समझे कि उस तथ्य का अस्तित्व नहीं है।
जब यह न तो साबित किया गया हो और न नासाबित किया गया हो।
जब यह न तो साबित किया गया हो और न नासाबित किया गया हो।
Q14.भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अनुसार, कोई तथ्य "साबित नहीं " कहा जाएगा-
जब वह गलत साबित हो
जब न्यायालय विश्वास करे कि उसका अस्तित्व नहीं है।
सामान्य प्रज्ञावान व्यक्ति यह विचार करे कि उसका अस्तित्व नहीं है
जब यह न तो साबित हुआ हो और न ही नासाबित हुआ हो
जब यह न तो साबित हुआ हो और न ही नासाबित हुआ हो
Q15.भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अंतर्गत “साबित नहीं हुआ है' का तात्पर्य है-
साबित
नासाबित
न साबित न नासाबित
अधिवक्ता के समक्ष नासाबित
न साबित न नासाबित
Q16.जब न्यायालय को किसी व्यक्ति के इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर के बारे में राय बनानी हो तब प्रमाणकर्ता अधिकारी की राय जिसने इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर जारी किए हैं-
साक्ष्य में ग्राह्य नहीं है
सुसंगत तथ्य नहीं है
सुसंगत तथ्य है
इनमें से कोई सही नहीं है
सुसंगत तथ्य है
Q17.भारतीय साक्ष्य अधिनियम1872 की किस धारा के अधीन “उपधारणा कर सकेगा”,” उपाधारणा करेगा”,और “निश्चायक सबूत”, पदों की व्याख्या की गई है-
धारा 1
धारा 2
धारा 3
धारा 4
धारा 4
Q18.जब भी भारतीय साक्ष्य अधिनियम में यह प्रावधान किया गया है कि न्यायालय किसी तथ्य को मान सकता है। Whenever it is provided in the Indian Evidence Act that the Court may presume a fact.
उस तथ्य का प्रमाण मांग सकता है। may call for proof of that fact.
न्यायालय उस तथ्य को सिद्ध मानने के लिए बाध्य है, the Court is bound to regard that fact as proved,
पार्टियां उस तथ्य को सिद्ध मान सकती हैं। the parties can presume that fact as proved.
वह तथ्य निर्णायक प्रमाण है। that fact is conclusive proof.
उस तथ्य का प्रमाण मांग सकता है। may call for proof of that fact.
Q19.जहां कहीं भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 द्वारा यह विशिष्ट है कि न्यायालय किसी तथ्य की उपधारणा करेगा, वहां न्यायालय ऐसे तथ्य को -
साबित मानेगा यदि और जब तक वह नासाबित नहीं किया जाता है।
साबित मानेगा यदि और जब तक वह नासाबित नहीं किया जाता है या उसके सबूत की मांग करेगा।
साबित मानेगा।
साबित मानेगा और उसे नासाबित करने के प्रयोजन के लिए साक्ष्य दिए जाने की अनुज्ञा नहीं देगा
साबित मानेगा यदि और जब तक वह नासाबित नहीं किया जाता है।
Q20.भारतीय साक्ष्य अधिनियम में सम्मिलित हैं-
प्रिंजपसियो ज्यूरिस केवल
प्रिंजपसियो ह्यूमिनिस केवल
उक्त दोनों
उपरोक्त में से कोई नहीं
उक्त दोनों
Q21.विधि की अखण्डनीय उपधारणा भारतीय साक्ष्य अधिनियर, 1872 की निम्न में से किस शब्दावली में व्यक्त किए गए हैं।
उपधारणा कर सकेगा में
उपधारण करेगा में
निश्चयात्मक सबूत में
उपरोक्त सभी
निश्चयात्मक सबूत में
Q22.Presumption under the law of evidence are
(a)presumption of facts
(b)presumptions of law
Both (a) and (b)
Only (b) and not (a)
Both (a) and (b)
Q23.उच्चतम न्यायालय ने निर्दोषिता की उपधारणा को बताया है, एक
मौलिक अधिकार
सांविधिक अधिकार
मानव अधिकार
रुढ़िजन्य अधिकार
मानव अधिकार
Q24..”Omnia praesumuntur rite esse acta” सूक्ति का अर्थ है
सभी तथ्यों को उचित अवधारित किया जाना
सभी तथ्यों को उचित अवधारित नहीं किया जाना
सभी कार्यों को गलत माने जाना
सभी कार्यों को गलत न माने जाना
सभी तथ्यों को उचित अवधारित किया जाना
Q25.साक्ष्य दिया जा सकता है-
सभी तथ्यों का
तथ्यों और विवाद्यक तथ्यों का
विवाद्यक तथ्यों और सुसंगत तथ्यों का
सुसंगत तथ्य का लेकिन विवाद्यक तथ्यों का नहीं
विवाद्यक तथ्यों और सुसंगत तथ्यों का
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