Author: | Date: 2023-03-20 12:56:22

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि SC/ST ऐक्ट के तहत आपराधिक मुकदमा को यदि समझौते के आधार पर समाप्त किया जाता है तो पीड़ित पक्ष को सरकार से मिली आर्थिक मदद वापस करनी होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने दिया है। उन्होंने भविष्य में आने वाले इस प्रकार के मामलों में आदेश का अनुपालन कराने को भी कहा है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा है कि एससी एसटी के एक्ट के तहत आपराधिक केस को अगर समझौते के आधार पर समाप्त किया जाता है तो पीड़ित पक्ष को सरकार से मिली आर्थिक मदद वापस करनी होगी। कोर्ट ने कहा कि किसी को भी अपने खिलाफ अत्याचार की शिकायत कर सरकार से पैसे की कमाई का जरिया बनाने का अधिकार नहीं है। केस में बिना दबाव समझौता के मामलों में सरकार से मिली सहायता राशि वापस करनी होगी। कोर्ट ने कहा कि यह टैक्स अदा करने वालों की गाढ़ी कमाई है।

हाईकोर्ट ने  Jhabbu Dubey Alias Pradeep Kumar Dubey के आपराधिक अपीलों की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। कोर्ट ने पीड़ितों को 20 दिन में सरकार से मिली राशि समाज कल्याण विभाग के माध्यम से ट्रेजरी में जमा करने का आदेश दिया साथ ही, वेरिफिकेशन कराकर निचली अदालत को उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने झब्बू दुबे उर्फ प्रदीप कुमार दुबे, विश्वनाथ यादव एवं अन्य, धर्मेंद्र उर्फ बउवा बाजपेई एवं अन्य और राकेश एवं अन्य की आपराधिक अपील पर यह आदेश जारी किया।

अपिलयर्थी ने सेशन कोर्ट में अर्जी देकर केस समाप्त करने की मांग की थी। अपील करने वालों का कहना था कि दोनों पक्षों के बीच समझौता हो चुका है। इसलिए अब एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों को समाप्त कर दिया जाए। पहला मामला ललितपुर के जखौरा थाना क्षेत्र का है। मारपीट की घटना को लेकर एससी- एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया गया था। अन्य मामले भी इसी प्रकार के हैं। कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए इसकी प्रति सेशन कोर्ट को भेजने का आदेश दियाऔर भविष्य में भी  इस प्रकार के अन्य मामलों में आदेश का पालन करने  का आदेश दिया गया है।

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